Milestones And Achievements
- Power Transmission availability in 2018-19 has increased from 99.14% to 99.38% which is higher than UERC prescribed standards (98%).
- Transmission losses for 2018-2019 are 1.27%, against losses of 1.39% in 2017-2018 which is 86% less in comparison to last year losses and much lesser then National standards (2% to 2.5%).
- Financial Institution like PFC and REC have upgraded credit rating of PTCUL to A+ consequently reducing the financial burden of state by saving 0.5% in interest.
- With Transmission capacity addition of 420 MVA, Transmission capacity has increased from 8018 MVA to 8438 in FY 2018-19.
- State’ s first G.I.S technology based 220/ 33kV, 100 MVA capacity substation I.I.P Harrawala, Dehradun was commissioned on 04-08-2018.
- 220/132/22kV, 300MVA capacity substation in Piran-Kaliyar, Haridwar was commissioned on 23.08.2018 which has resulted in 24*7 Quality power supply to domestic and industrial consumer of Piran-Kaliyar, Chudiyala, Bhagwanpur and nearby area.
- LILO (length 10.25 CKT KM) of 220KV Roshanabad-Puhana line at Piran-Kaliyar substation was commissioned on 23.09.2018. 220 KV Piran-Kaliyar substation has been connected to Northern grid throlugh 400KV Puhana S/s(PGCIL) through this line.
- Efforts are being made continuously by PTCUL for the development of Transmission system of the state, under which new GIS substation are being developed of Transmission system of the state, under which new GIS substations are being constructed, among these 220KV Baram S/s Jaffarpur, 220KV Selaqui, 132KV Bageshwar and Lohaghat, are on topmost priority.
- Installation of HTLS conductor on 132 KV Roorkee-Manglore and 132 KV Roorkee-Laskar lines has been completed on 30.01.2018. which has reduce power congestion by increasing the power carrying capacity of lines.
- To enhance communication, 560 Kms of MS Earth Wire has been replaced by OPGW(Optical Fiber Grounded Wire)in first phase in FY 2018-19. For lying of 994 Km of OPGW in second phase NIT has been floated on 08-03-2019.
- PTCUL has provided employment to 83 personnel on regular basis and to 57 personnel on contact basic from April 2017 to January 2019.
वर्ष 2018 में पिटकुल की उपलब्धियां
- वर्ष 2018-19 में विद्युत पारेषण उपलब्धता 99.14 % से बढकर 99.38 % हुई है, जो कि उत्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित मानकों (98 प्रतिशत) से कही अधिक है।
- वर्ष 2018-19 में पारेषण हानियां 1.27 प्रतिशत रही है जो वर्ष 2017-18 की हानियों (1.39%) की तुलना में 8.6 प्रतिशत कम है, जो कि राष्ट्रीय मानकों (2 प्रतिशत से 2.5 प्रतिशत) से काफी कम है।
- पी0एफ0सी0 तथा आर0ई0सी0 के द्वारा पिटकुल की क्रेडिट रेटिंग "A+" कर दी गयी है जिसके फलस्वरूप राज्य के उपभोक्ताओं पर पड़ने वाले ब्याज भार में 0.5 प्रतिशत की कमी हुई है।
- वर्ष 2018-19 में प्रदेश के पारेषण तंत्र में 420 एम0वी0ए0 की क्षमतावृद्वि की गयी। वर्तमान में पिटकुल की परिवर्तक क्षमता 8018 एम0वी0ए0 से बढकर 8438 एम0वी0ए0 हो गयी है।
- प्रदेश के प्रथम 220 के0वी0 जी0आई0एस0 विद्युत उपकेन्द्र (क्षमता 100 एम0वी0ए0) आई0आई0पी0, हर्रावाला (देहरादून) को दिनांक 04.08.2018 को सफलतापूर्वक ऊर्जीकृत किया गया।
- जनपद हरिद्वार में पीरान कलियर कस्बे में 220/132/33 के0वी0 उपकेन्द्र (क्षमता 300 एम0वी0ए0) के दिनांक 23.09.2018 को ऊर्जीकृत होने से पीरान कलियर, चुड़ियाला, भगवानपुर एवं आस-पास के औद्योगिक क्षेत्रों को गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हुई है।
- 220 के0वी0 उपस्थान इमलीखेड़ा (पीरान कलियर) पर रोशनाबाद - पुहाना लाईन का लीलो (लम्बाई 10.25 सर्किट कि0मी0) का दिनांक 23.09.2018 को सफलतापूर्वक ऊर्जीकृत किया गया। इस लाईन के बनने के बाद 220 के0वी0 पीरान कलियर उपकेन्द्र, 400 के0वी0 पुहाना से जुडे होने के कारण उत्तरी ग्रिड से भी जुड चुका है जिससे क्षेत्र की जनता निर्बाध एवं गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हुई है।
- प्रदेश में पारेषण तंत्र के विकास के लिए निरन्तर प्रयास किये जा रहे है, जिसके अन्तर्गत नये जी0आई0एस0 बिजलीघरों का भी निर्माण किया जा रहा है जिनमें 220 के0वी0 उपकेन्द्र बरम (जौलजीबी) जाफरपुर, सेलाकुई, 132 के0वी0 बागेश्वर एवं लोहद्याट, इत्यादि शीर्ष प्राथमिकता पर है।
- दिनांक 30.01.2018 को 132 के0वी0 रूड़की-मंगलौर एवं 132 के0वी0 रूड़की-लक्सर लाईनों पर एच0टी0एल0एस0 कण्डक्टर डालने का कार्य पूर्ण किया गया जिससे लाईनों की विद्युत संचार करने की क्षमता दुगुनी हुई है एवं अतिभारिता समाप्त हुई है।
- पारेषण लाईनों के माध्यम से संचार व्यवस्था सुदृढ़ करने हेतु पिटकुल द्वारा पहले चरण में रू0 32 करोड़ की लागत से 600 कि0मी0 पारेषण लाईनों के अर्थवायर को आप्टिकल फाइबर से बदलने का कार्य दिनांक 30.10.2018 को पूर्ण किया गया है जिससे पिटकुल के 13 महत्वपूर्ण उपकेन्द्र स्टेट लोड डिस्पैच सेन्टर से जुड गये है।
- पिटकुल द्वारा अप्रैल 2017 से जनवरी, 2019 तक 83 पदों पर नियमित रोजगार एवं 57 पदों पर अनुबन्धनात्मक तरीके से रोजगार उपलब्ध कराया गया है।